साहित्य आलेख: १. दलित विमर्श पर ओम प्रकाश वाल्मिकि जी का आलेख|
२. मनोहर श्याम जोशी जी पर पंकज बिष्ट जी का लेख।
३. गिरीश तिवारी जी "गिर्दा’ पर सुप्रसिद्व रंगकृमी डा० सुवर्ण रावत का संस्मरण।
४. जन-मन-गन के रचियेता रविन्द्र नाथ ठाकुर जी पर डा० रमानाथ त्रिपाठी जी का आलेख।
५. गिरीश तिवारी जी "गिर्दा’ पर हेमंत जोशी जी लेख।
६. लोक-कलाकार संघ संस्था पर ललित मोहन पान्डेय जी का संस्मरण।
चित्रकला: सुप्रसिद्व चित्रकार मौलाराम तोमर जी पर डां० नन्द किशोर ढौढियाल जी का विशेष आलेख तथा प्रतिष्ठित व युवा चित्रकारों जैसे स्व० श्री इफ़्तिकार खान, श्री बी० मोहन नेगी जी, राजू मिश्रा व डां० भूषण साहू इत्यादी की कृतियां इस अंक मे देखी जा सकती हैं|
रंगमंच: सुप्रख्यात नाटककार विलिअम शेक्सपीयर जी के संदर्भ में डा० योगेन्द्र चौबे जी का आलेख।
कहानी- सुप्रसिद्व कथाकार शेखर जोशी जी की कहानी|
साक्षात्कार- प्रख्यात कथाकार मृदुला गर्ग जी (भाग-२) से उनके सहित्य व स्त्री विमर्श पर दिनेश द्विवेदी जी की लम्बी बातचीत के अंश|
वातायन स्तम्भ- प्रख्यात गज़लकार दुष्यंत कुमार जी पर डा० शिव ओम अम्बर जी का आलेख|
लोक / संस्कृति: छत्तीसगढ के करमा गीतों पर डां भरत पटेल जी का लेख |
गज़लें- स्व० डा० उर्मीलेश कुमार व कमल किशोर ’श्रमिक’
कवितायें/गीत- डा० रमानाथ त्रिपाठी व माधवाशरण जी द्वारा रविन्द्र नाथ ठाकुर जी के गीतों का हिन्दी रुपान्तरण, बी० मोहन नेगी जी के रेखांकन में जनकवि गिरीश तिवारी "गिर्दा" के गीतों का उल्लेख व पूरन चन्द्र कान्डपाल जी, चन्द्रशेखर पंत जी की कवितायें|
इसके साथ ही कई नये व प्रतिष्ठित रचनाकारों जैसे मीनु जोशी जी (अल्मोडा), रचना श्रीवास्तव (यू० एस० ए०), निशा बहुगुणा (लख्ननऊ), सोनी पंत (स्यल्दे-ऊत्तराखंड) आदि की रचनायें/लेख इस अंक मे देखे जा सकते हैं|
सभी साहित्यकारों,रचनाकारों व कलाकारों से निवेदन है कि पत्रिका के अगले अंको के लिये स्तरीय सामग्री उपलब्ध करायें।
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