कुछ दिनों पूर्व आप के सम्पादक में निकलने वाली पत्रिका ‘‘सृजन से‘‘ मिली। अपनी एक गज़ल को उसमें देखा तो बहुत प्रसन्नता हुई। इसके लिये आप को धन्यवाद प्रेषित कर रहा हूँं। आप बधाई की पात्र हैं जो एक साहित्यिक पत्रिका निकालने का आपने सफल प्रयास किया है। हालांकि आज के दौर में साहित्यिक पत्रिका निकालना एक कठिन कार्य है लेकिन कोई कार्य पूर्ण मनोयोग एवं सकारात्मक सोच के साथ किया जाये तो सफलता अवश्य मिलती है। आपको पत्रिका की उन्नति के लिये हार्दिक शुभकामनायें प्रेषित कर रहा हूँ।
अशोक यादव
इटावा (उ.प्र.)
अशोक यादव
इटावा (उ.प्र.)
No comments:
Post a Comment