’सृजन से’ का स्मृति अंक सामने है। मैने इस अंक की तमाम अच्छी पंक्तियों को रेखाँकित किया है और उनमें मेरी प्रति में पहला रेखाँकन सम्पादकीय की - प्राथमिक पंक्तियों पर हुआ। आपको बधाई। पुरा अंक कई दृष्टियांे से उल्लेखनीय है। विशेष रूप से मैं डॉ0 सुवर्ण रावत के संस्मरण, निशा बहुगुणा और मीनू जोशी की कविताओं तथा दुष्यन्त कुमार पर - डा0 शिव ओम अम्बर के लेख से प्रभावित हुआ हूँ। “अभिव्यंजनायें सभी बड़ी अदभुत हैं। द्वितीय पृष्ठ पर स्मृति शेष साहित्यकारों के चित्र देकर आपने अंक की उपयोगिता को और बढ़ा दिया है। अगले अंक का इन्तजार है।
बृजकिशोर सिंह ’किशोर’
फर्रूखाबाद (उ0प्र0)
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